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पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर

पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD), एक मेंटल डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति अपने साथ घटी या देखी गई घटनाओं पर वर्तमान में प्रतिक्रया देता है। इस डिसआॅर्डर के कारण पुरानी बातों का बार-बार याद आना, बुरे सपने आना और ध्यान केंद्रित ना कर पाने जैसी समस्याएं होती हैं। ये लक्षण PTSD के हो सकते हैं।

Stressed Woman

कैसे जानें यदि आपको
पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर है?

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चिंता

PTSD लोगों में गंभीर चिंता पैदा करता है, वे हमेशा उच्च तनाव में रहते हैं और छोटी-छोटी बातों पर विचार कर लेते हैं।

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नकारात्मक विचार 

मरीजों के अपने और दुनिया के बारे में नकारात्मक विचार होते हैं। कुछ भविष्य को लेकर असहाय और निराश महसूस करते हैं।

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बुरे सपने

कई रोगियों को सोने में परेशानी होती है क्योंकि जब भी वे कुछ नींद लेने का प्रबंधन करते हैं तो उन्हें भयावह बुरे सपने आते हैं। 

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फ्लैशबैक

मरीजों को घटना की फ्लैशबैक मिलती रहती है, जिसे भूल नहीं पा रहे हैं।

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आत्मघाती विचार

कुछ लोगों के मन में आत्महत्या के विचार भी आ जाते हैं क्योंकि उन्हें इस दुख को समाप्त करने का कोई उपाय नहीं दिखता। हमेशा ध्यान रखें कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, मानव जीवन किसी भी चीज से ज्यादा कीमती है।

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शारीरिक / भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में परिवर्तन

 रोगी आमतौर पर आसानी से डर जाते हैं और हमेशा सतर्क रहते हैं। कुछ लोग मादक द्रव्यों की लत या लापरवाह गतिविधियों में लिप्त होकर आत्म विनाश के मार्ग पर चल पड़ते हैं। 

ऊपर लिखित कोई भी लक्षण हैं? 
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कैसे सुनिश्चित करें

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